26वाँ राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन

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ई-गवर्नेंस की परिवर्तनकारी यात्रा का साक्षी बना इंदौर, डिजिटल सशक्तिकरण और निरंतर नवाचार की ओर अग्रसर होता मध्यप्रदेश।

भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity), और संयुक्त राष्ट्र मध्य प्रदेश की राज्य सरकार के सहयोग से दो दिवसीय 26वाँ ई-गवर्नेंस सम्मेलन का आज दूसरा दिन सम्पन्न हुआ। सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय अंतरिक्ष और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह उपस्थित रहे। साथ ही कार्यक्रम में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओम प्रकाश सकलेचा, सांसद श्री शंकर लालवानी, अध्यक्ष, मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड श्री शैतान सिंह, संयुक्त सचिव श्री एस.एन त्रीपाठी प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग श्री एनबीएस राजपूत, , डायरेक्टर जनरल, आई.आई.पी.ए. तथा एम.डी., मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड श्री अभिजीत अग्रवाल मंच पर मौजूद रहे।
स्वच्छता में देश भर में प्रथम स्थान रखने वाला इंदौर शहर ई-गवर्नेंस की परिवर्तनकारी यात्रा का साक्षी बना। यह आयोजन मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम एवं प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग के साथ आयोजित किया गया। सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रौद्योगिकी, व्यापार और सरकार के क्षेत्र से आने वाले प्रतिष्ठित दिग्गजों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, सम्मेलन के दौरान ई-गवर्नेंस पर आधारित की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर अपनी बात रखी गई। और अत्याधुनिक विचारों और उपाख्यानों को साझा किया गया।
श्री अभिजीत अग्रवाल ने बताया कि सम्मेलन के सत्रों में डिजिटल परिवर्तन की पेचीदगियों से लेकर उभरती प्रौद्योगिकियों की बढ़ती सीमाओं तक एक व्यापक चर्चा को शामिल किया गया। इन सत्रों में स्वास्थ्य सेवा, वित्त, स्मार्ट शहरों और मौजूदा व्यवस्था की और बेहतरी के लिए डिजिटलीकरण के गहरे प्रभाव और तकनीकों पर ध्यान आकार्षित किया गया।
इंदौर में आयोजित हुई दो दिवसीय 26वाँ राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन और प्रदर्शनियों ने ये स्पष्ट कर दिया कि, ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में मध्य प्रदेश की यात्रा निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। 26वाँ राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन इस बात का प्रतीक है। इस सम्मेलन के दौरान आत्मसात किए गए पाठों, बुने गए संबंधों और प्रेरणाओं से अभिभूत होकर, मध्यप्रदेश, देश को डिजिटल सशक्तिकरण और असीम नवाचार की विशेषता वाले भविष्य में आगे बढ़ाने के लिए अपनी सामूहिक ऊर्जा का उपयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान कॉफी टेबल बुक MPSEDC के माध्यम से राज्य में Geo special technique के उपयोग पर आधारित पुस्तक- “Advancing with Geospatial technique” Mapping the future with Madhya Pradesh का विमोचन किया गया। यह किताब मध्य प्रदेश जिओ पोर्टल एवं अनेक वेब और मोबाइल एप को चित्रित करती है. विशेष कर शहरी विकास योजना कृषि ,पर्यावरण प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन ,आपदा प्रबंधन ,यातायात योजनाएं जैसी कई विषयों पर जो स्पेशल टेक्नोलॉजी के उपयोग पर प्रकाश डाला गया है। यह सभी एप्लीकेशंस डाटा आधारित निर्णय प्रणाली एवं नागरिक सेवाओं को बेहतर बनाने में उपयोगी साबित हुई है इस पूरी प्रक्रिया में ओपन सोर्स एवं नवीनतम वेब डेवलपिंग तकनीक का उपयोग किया गया है. अतः यह पहले से स्थापित किसी भी सिस्टम से सिमलेसली इंटीग्रेटेड की जा सकती है।
मध्य प्रदेश शासन में इस तकनीक पर आधारित डिजास्टर वार्निंग एडवांस्ड ,रिस्पांस system, Automated layout process approval and scrutiny system , फसल ई- गिरदावरी, पंजीयन हेतु संपदा2 जैसी प्रमुख परियोजनाएं तैयार की गई हैं। 26वीं राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन के दूसरे दिन 5 कैटेगरी में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरुस्कार का वितरण किया गाया, जसमें 8 गोल्ड और 8 सिलवर पुरस्कार शामिल है।

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